विद्यालय शिक्षा के मंदिर हैं । विद्यालय छात्रों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं। विद्यालय केवल छात्रों को विषय ज्ञान ही नहीं प्रदान करते वरन् पाठ्येतर गतिविधियों के माध्यम से छात्रों में चरित्र निर्माण, मूल्यों का समावेश, सहयोग, विविधता का सम्मान करना आदि गुणों का विकास करते हैं।
विद्यालय में छात्रों की नियमित उपस्थिति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उपस्थिति ही छात्र की शैक्षणिक सफलता, व्यक्तिगत विकास और समग्र कल्याण में योगदान करती है। छात्र के अनुपस्थित रहने पर उनका सर्वांगीण विकास बाधित होता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने परिपत्र और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है और बोर्ड परीक्षा में उपस्थित होने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य निर्धारित की है।
अप्सा के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सीबीएसई के द्वारा जारी किए गए परिपत्र को पूरी तरह से उचित बताते हुए प्रसन्नता जाहिर की।
– बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने वाले कक्षा 10 और 12 के विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा दर्ज की जानी चाहिए।
– विद्यार्थी के अनुपस्थित रहने पर उसके अनुपस्थिति की सूचना आधे घंटे के अंदर अभिभावक को प्रेषित की जानी चाहिए ।