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    मटन व्यवसाय की मनमानी एवं दादागिरी - The Live Media

    मटन व्यवसाय की मनमानी एवं दादागिरी

        •  मटन व्यापारियों की मनमानी
          रिपोर्टर उमाकांत शर्मा
          नपा के जिम्मेदारों ने महज दो कर्मचारियों को भेजा मटन दुकान बंद करवाने
          – मटन व्यापारियों और उनके घर की महिलाओं ने जमादारों को बेईज्जत कर धमकाया
          झाबुआ। नाच न जाने आंगन टेढ़ा वाली कहावत इन दिनों झाबुआ नपा में बखूबी चरितार्थ हो रही है। प्रदेश के मुख्यमन्त्री डॉ मोहन यादव ने तत्काल खुले क्षेत्रों में बिक रहे मांस, मछली पर रोक लगाने के लिए निर्देशित किया है। जिसका पालन करने की औपचारिकता निभाने नपा सीएमओ व स्वच्छता निरीक्षक ने महज दो जमादारों को रिहायशी क्षेत्र में चल रही मटन की दुकान बन्द करवाने भेज दिया। रिहायशी क्षेत्र में बेखौफ चल रही मटन दुकान तो बंद नहीं हुई बल्कि दुकान बंद करवाने गए दोनों जमादारों पर रिहायशी क्षेत्र में मटन बेच रहे व्यापारियों के साथ ही उनके परिवार की महिलाएं पिल पड़ी। दोनों जमादारों को उन्होंने अपने घर से बाहर निकालकर भद्दी-भद्दी गालियां दी और उन्हें धमकाते हुए पूरे मोहल्ले को इकट्ठा कर लिया। मुख्यमन्त्री के आदेश का झाबुआ नगर पालिका खुलेआम मखौल उड़ा रही है। शहर में खुले में मांस बिकने के साथ ही रिहायशी क्षेत्रों रोहिदास मार्ग, कुम्हारवाड़ा में बेखौफ मांस बेचा जा रहा है। मांस का व्यापार करने वाले अपने घरों पर न सिर्फ जानवरों की कटिंग कर रहे हैं अपितु वहीं मटन सजाकर लोगों को बेच भी रहे हैं। जिसे रोकने के लिए बुधवार को नपा सीएमओ और स्वच्छता निरीक्षक उर्फ फायर चालक ने महज दो जमादार रवि सुनील तथा कमलेश मन्नु को दुकान बंद करवाने भेज दिया। नियमानुसार दोनों जमादार के साथ उनकी सुरक्षा के मद्देनजर नपा की टीम के साथ ही पुलिस को सूचना देकर पुलिस कर्मियों को भी उनके साथ भेजना था, मगर ऐसा नहीं किया गया। पिछले कई वर्षों से रोहिदास मार्ग में मटन बेच रहे व्यापारियों ने दुकान बंद करवाने गए जमादारों को बेईज्जत कर अपने घर से बाहर निकाल दिया और मटन व्यापारियों के साथ ही उनके परिवार की महिलाओं ने भी बीच सड़क पर जमादारों को गालियां देकर दोबारा उस मोहल्ले में न दिखने की धमकी भी दे डाली। कायदा तो कहता है कि मटन व्यापारियों की इस हरकत पर रिहायशी क्षेत्र में मटन दुकान संचालित करने और जमादारों को धमकाने के साथ ही शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने का प्रकरण दर्ज करवाना था, मगर बिना किसी सुरक्षा के जमादारों को मटन दुकान बंद करवाने के लिए भेजने वाले वर्ग विशेष के सीएमओ और स्वच्छता निरीक्षक ने जमादारों की बेईज्जती करने व उन्हें धमकाने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कदम नहीं उठाया। मटन व्यापारी जमादारों को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाते अथवा मारपीट कर देते या उन पर जानलेवा हमला ही कर देते! ऐसी स्थिति में इन जिम्मेदारों के पास क्या जवाब होता? झाबुआ नपा पहले से ही आर्थिक अभाव झेल रही है, उसके बाद भी सुधार करने के आसार नजर नहीं आ रहे। नियमित कर्मचारियों को नपा चार-चार माह वेतन नहीं दे पा रही बावजूद इसके नियमित कर्मचारी होते हुए भी उसी पद पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियुक्त कर जनता की राशि का बट्टा बैठाया जा रहा है। नपा सीएमओ और स्वच्छता निरीक्षक ने अपनी मनमर्जी से कर्मचारियों की नियुक्ति की है दरोगा बेकार बैठे हैं। नपा में अन्य पदों पर भी इस प्रकार की गड़बड़ी देखी जा सकती है। यानी अधिकांश कर्मचारी आर्थिक लाभ की लालसा के चलते अपने मूल पद को छोड़ अन्य पदों का दायित्व निभा रहे हैं।https://youtu.be/9xoeK98xZH0

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