आखिर क्यों ख़ास हैं 5 सितम्बर जाने खबर मे

आज विश्व का वो दिन है जिसका नाम सुनते ही बच्चे से लेकर 100 वर्षीय मानव के दिमाग ,आंखें, मन ,पेट मचलने ने लगता हैं और जीभ में स्वाद अपने आप आ जाता है ।जी हां हम एक ऐसे खाद्य पदार्थ की बात कर रहे हैं जो हर गली नुक्कड़ मौहल्ले और बड़े बड़े होटलों में विश्वव्यापी सर्व किया जाता है।अक्षय कुमार और जूही चावला की फिल्म मिस्टर खिलाड़ी का गाना आपको याद होगा जब तक रहेगा समोसे में आलू मैं तेरा रहूंगा सालू ।
जी हाँ आज हम बात कर रहे हैं विश्व समोसा दिवस की जो कि हर साल 5 सितंबर को पूरे विश्व में अनेक प्रकार से बनाया जाता है ।तमाम लोग समोसा पार्टी देते हैं ,नई-नई बनाने के तरीके की वीडियो बनाकर लॉन्च करते हैं। समोसा बनाने वाले उस्ताद अपने ऑनर का प्रयोग करते हैं नए-नए आकार नए तरीके की फीलिंग छोटे समोसे से लेकर बड़े-बड़े समोसे तक का प्रयोग किया जाता है ।दोस्तों में तो समोसा पार्टी करके अपनी दोस्ती को न केवल प्रगाढ़ किया जाता है बल्कि कॉलेज के दिनों को भी याद करते हैं ।
दुनिया में जितनी लंबी यात्रा समोसे ने की, उतनी शायद ही किसी और व्यंजन ने की हो. जिस तरह इसने खुद को तरह-तरह के स्वाद से जोड़ा, वो भी शायद किसी और डिश के साथ हुआ हो. इसे कई नामों से जाना जाता है. कई सदी पहले की किताबों और दस्तावेजों में इसका जिक्र संबोस्का, संबूसा, संबोसाज के तौर पर हुआ. अब भी इसके कई तरह के नाम हैं, मसलन-सिंघाड़ा, संबसा, चमुका, संबूसाज और न जाने क्या क्या।

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