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    मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय में अब निर्माण परमिशन प्रक्रिया को सरल किया - The Live Media

    मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय में अब निर्माण परमिशन प्रक्रिया को सरल किया

    *मध्यप्रदेश सरकार ने घर बनाने की अफोर्डेबल स्कीम: शहरी क्षेत्र के लिए 2000 स्क्वायर फीट प्लॉट के लिए नो परमिशन, ऑनलाइन मिलेंगी मकान बनाने की परमिशन अब नही लगाने पड़ेंगे नगर पालिका नगर निगम के चक्कर।* आमतौर पर एक छोटा सा घर बनवाने के लिए आम आदमी को इतने पापड़ बेलने पड़ते हैं कि कई बार तो उसका घर सरकारी फाइलों में ही दफन हो जाता है और उसका सपना अधूरा रह जाता है. सरकारी बाबू नियमों के नाम पर इतने चक्कर कटवाते हैं कि लोग अपना छोटा मोटा प्लॉट बेचकर बने बनाए मकान खरीद लेते हैं. ऐसी ही कुछ परेशानियों को देखते हुए अब एमपी सरकार ने भवन निर्माण के कुछ नियमों में बदलाव किया है और यह आपके बड़े काम का है. अब आपको घर बनवाने की अनुमति लेने के लिए बाबुओं के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। अब आपका घर पहले से जल्दी बन जाएगा ऐसा इसलिए कि पहले आपको अपना घर बनवाने के लिए नक्शा पास करवाना होता था और इसके लिए आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. कई बार तो बाबू परमिशन के नाम पर आपको इतना परेशान कर देते हैं कि उन्हें फीस के अलावा रिश्वत भी देना पड़ती है ? लेकिन अब ऐसा नहीं है. राज्य सरकार ने आवासीय भवन निर्माण के नियमों में संशोधन कर दिया है. *2000 स्क्वायर फीट तक अनुमति जरुरी नहीं यदि आप 2000 स्क्वायर फीट तक के प्लॉट पर मकान बनाने जा रहे हैं, तो अब इसकी अनुमति के लिए आपको नगर निगम या नगर पालिका के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. आम लोगों को परमिशन के लिए सरकार दफ्तरों के चक्कर नही काटने पड़ेंगे इसके लिए आवासीय भवन निर्माण के लिए ऑनलाइन मिलेंगी परमिशन* नियमों में यह हुआ बदलाव मध्यप्रदेश के भूमि विकास नियमों के तहत अभी तक 105 वर्गमीटर यानि एक हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा के प्लॉट पर घर बनाने के लिए डीम्ड अनुमति मिलती थी. डीम्ड अनुमति यानी आर्किटेक्ट ही अपने स्तर पर दस्तावेजों के आधार पर नियमों के तहत अनुमति दे देता था. आम लोगों को राहत देने के लिए अब डीम्ड अनुमति के लिए प्लॉट साइज का आकार बढ़ा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों इसका ऐलान किया था कि प्रदेश में भवन निर्माण के लिए डीम्ड परमिशन के प्रावधान में इजाफा किया जाएगा. इसके बाद अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 मे संशोधन कर दिया है. इसमें प्लॉट साइज 105 वर्गमीटर को बढ़ाकर 186 वर्गमीटर तक कर दिया गया है. मतलब यदि आपका प्लॉट करीब 2 हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा का है तो ही आप डीम्ड मंजूरी लेना होगी. इसकी अधिसूचना जारी करते हुए शासन ने लोगों से 15 दिनों में उनके सुझाव और आपत्तियां भी मांगी हैं. ऐसे मिलेगी लोगों को राहत
    अभी लोगों को 1 हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा बड़े प्लॉट पर अनुमति लेने के लिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद में तमाम दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है. इसके बाद संबंधित निरीक्षण अधिकारी दस्तावेजों का परीक्षण करते हैं और उसके बाद अनुमति दी जाती है. अब 186 वर्ग मीटर प्लॉट पर भी आवास निर्माण के लिए डीम्ड अनुमति मिल सकेगी. अब 186 वर्ग मीटर प्लॉट मालिक को सभी दस्तावेज किसी भी आर्किटेक्ट को देना होंगे. आर्किटेक्ट दस्तावेजों के आधार पर घर का नक्शा जारी कर देगा और आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे.

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