नपा नायक की जुगलबंदी,टाउन हाल पर तान दी अतिरिक्त मंजिल।

सैया भए कोतवाल तो डर काहे का वाली कहावत शायद सभी ने पड़ी और सुनी भी होगी ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय की नगर पालिका में चल रहा हे। बजट की कमी महसूस करने वाली नगर पालिका परिषद के भ्रष्ट कर्मचारी कहने को तो यह तक कहते नजर आते हे की कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ रहे,किंतु इन भ्रष्टों की शानो शौकत तो यही बयां कर रही की इनकी चारो अंगुलिया घी में और सर कड़ाई में हे हमेशा अपने कारनामों को ले कर चर्चित रहने वाली नगर पालिका में भ्रष्टाचार की पोल खोलती उत्कृष्ट सड़क, स्वच्छता हेतु किए गए कार्य हो अथवा शहर का बहादुर सहर तालाब,छोटा तालाब के सौंदर्य का मामला सभी में भ्रष्टाचार की सड़ांध पूरे शहर में छोटे तालाब की सड़ांध से अधिक फैल रही। शहर में नियम विपरित छः छः माले की अट्टालिकाएं तन रही शायद इनकी अनुमति भी नगर पालिका ने ही दी होगी निर्माण कार्य,सप्लाय से ले कर जमीनों, दुकानों की छत लिज दिए जाने में भी भ्रष्टाचार की कोई कसर नहीं छूटती दिखाई दे रही। झबुआ नगर पालिका पर अधिकांश समय सत्तारूढ़ भाजपा का ही कब्जा रहा। बीती परिषद जरूर कांग्रेस ने हथियाई थी लेकिन नगर पालिका का भ्रष्टाचा इस परिषद ने भी बजाए काबू करने के इसको बड़वा ही दिया। इसका उदाहरण एक बार फिर टाउनहाल की छत लिज दिए जाने के रूप में सामने आया। दर असल 18 अक्टूबर 2021 में नगर पालिका ने अखबार में विज्ञप्ति जारी कर टाउन हाल की छत जिसका क्षेत्र फल स्क्वेयर मीटर में 26.76 यानी 288 स्क्वेयर फीट जो की 18 लाख 61 हजार में नीलाम हुई तथा दूसरी 125.75 मीटर यानी 1354 स्क्वेयर फीट की लिज 52 लाख 29 हजार 5 सौ रुपए में हुई। यह दोनो लीज शहर के एक परिवहन माफिया ने अपने पुत्र वधू के नाम से ली। आश्चर्य तो यह की टाउन हाल के किस स्थान पर पहले से ही लिज हो कर निर्माण है उसे भूखंड दर्शा कर गुपचुप तरीके से लिज दे दी गई। इसके अतिरिक्त टाउन हाल की छत मात्र 1353 स्क्वेरा फीट में निर्माण की लिज दी गई थी किंतु परिवहन माफिया ने अपनी दबंगई माफिया गिरी और मुकेश की सेटिंग से न केवल 1354 से कही अधिक वर्ग फिट में निर्माण कर लिया अपितु इतना ही दूसरी छत पर निर्माण कर साबित कर दिया की नगर पालिका परिषद पर भू माफियाओं, का शिकंजा हे। परिषद तो हर 5 वर्ष में बदलती हे लेकिन वर्षो से यहां फेविकोल के मजबूत जोड़ की तरह कुर्सी से चिपके अदने कर्मचारी जो अपनी मूल पदस्थापना शाखा को छोड़ मलाईदार चार्ज ले कर नहले पर दहला मारने में लगे हे। नगर पालिका परिषद का नया कार्यकाल शुरू होने के बाद कयास लगाए जा रहें थे की अब तो शहर का उद्धार निश्चित ही होगा। परंतु बीते दिनों तीन दिन सी

एमओ के चार्ज का मामला सामने आया उससे उजागर हो गया की परिषद में आने के बाद सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे बन जाते हे। भरे बाजार में टाउन हाल पर लिज से अधिक नियम विरुद्ध कार्य होना निश्चित ही नगर पालिका का कुंभकर्णी नींद में सोना ही साबित। करता हे। बताते हे लिज से अधिक निर्माण और निर्माण को रिक्त भूखंड दर्शाकर लिज देने का मामला न्यायालय की शरण लेने वाला हे। न्यायालय में चुनौती दे कर नगर पालिका को सूर्पनखा साबित कोई करे इस से पहले कर्मठ कलेक्टर को मामले में संज्ञान ले कर दूध का दूध पानी का पानी करना चाहिए ताकि फिर कोई भूमाफिया इस तरह की हिमाकत नही कर सके।

*03 वर्ष से फरार चल रहे चोरी नकबजनी के 15000 के ईनामी स्थाई वारंटी को पकडने में मिली पेटलावद पुलिस को सफलता* .

*03 वर्ष से फरार चल रहे चोरी नकबजनी के 15000 के ईनामी स्थाई वारंटी को पकडने में मिली पेटलावद पुलिस को सफलता*

रिपोर्टर उमाकांत शर्मा
. *पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री अगम जैन के निर्देशन*

. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री प्रेमलाल कुर्वे व अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) पेटलावद श्री सौरभ तोमर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पेटलावद राजुसिंह बघेल व पेटलावद पुलिस टीम द्वारा वर्ष 2021 से फरार चल रहे 15000/- रूपयें के उद्दघोषित ईनामी स्थाई वारंटी नेहरू उर्फ नरेन्द्र पिता नाना मुणिया उम्र 45 वर्ष निवासी भाण्डनकुआर थाना कालीदेवी को थाना पेटलावद पुलिस टीम के द्वारा मुखबीर की सूचना पर दबीश देकर पकडा गया व पेटलावद थाने के 05 अपराधों में गिरफ्तार किया गया जिसे माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है।

आपराधिक रिकार्ड
थाना पेटलावद
1. अपराध 765 / 21 धारा 457 380
. 2. अपराध क्रमांक 782 /21 धारा 457 380 आईपीसी
. 3. अपराध क्रमांक 801 / धारा 457 380 आईपीसी
. 4. अपराध क्रमांक 813/21 धारा 457 380 आईपीसी
. 5. अपराध क्रमांक 781 /22 धारा 457 380 आईपीसी

सराहनीय कार्य – उक्त स्थाई वारंटी की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी पेटलावद श्री राजुसिंह बघेल, उप निरीक्षक नवलसिंह बघेल, सउनि राधेश्याम जाटवा, प्रधान आरक्षक 316 सीताराम, प्रधान आरक्षक 119 जितेन्द्र बामनिया, आरक्षक 368 संजय डावर, आरक्षक 447 कैलाश मुणिया, आरक्षक 484 देवेन्द्र राठौर, महिला आरक्षक 654 कलम चौहान का सराहनीय कार्य रहा।

सीएम के आदेश के सामने प्रशासन को खुदा का वास्ता

मुख्यमंत्री के आदेश की कोई कदर नहीं
– नगरपालिका की सहमति से खुले स्थानों के साथ रिहायशी क्षेत्रों में बेच रहे बेखौफ मांस
– नगरपालिका व जिम्मेदार विभागों की मौन स्वीकृति
झाबुआ। प्रदेश के मुख्यमन्त्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश भर में खुले क्षेत्र में बिक रहे मांस पर प्रतिबन्ध लगाने के आदेश पारित किए हैं लेकिन झाबुआ शहर में मुख्यमन्त्री के आदेश की कोई कदर नहीं की जा रही। शहर के खुले क्षेत्र के साथ ही शहर के रिहायशी क्षेत्रों में भी खुलेआम मटन बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं बस शहर में दर्जनों जगह बिरयानी, कवाब सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। मटन विक्रेता नियमों को परे रखकर मटन का व्यवसाय कर रहे हैं। नियमानुसार मटन बेचने वालों द्वारा किसी भी जानवर को काटने के पूर्व उसका स्वास्थ परीक्षण निर्धारित डॉक्टर से करवाया जाना अनिवार्य होता है लेकिन शहर में पिछले कई वर्षों से मांस बेचने वाले इस नियम का पालन नहीं कर रहे। शहर में स्लाटर हाउस के अभाव में नपा कार्यालय के समीप मांस व्यापारियों को मांस बेचने के लिए शेड बनवाया गया है किंतु ये व्यापारी शेड के सामने और नपा कार्यालय के बगल में बैठ रहे हैं, इतना ही नहीं निर्धारित स्थल के बजाय शहर के कुम्हारवाड़ा, रोहिदास मार्ग पर बिना अनुमति के स्लाटर हाउस संचालित किए जा रहे हैं, जहां बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी के साथ ही पाड़े, बैल का भी मांस बेखौफ बेचा जा रहा है।शहर में जहां पाड़े, बैल काटे जा रहे हैं वहीं स्मीपस्थ राज्य गुजरात के गोधरा, दाहोद से भी पाड़े, बैल आदि का मांस बड़ी मात्रा में बिक्री के लिए इन व्यापारियों द्वारा मंगवाया जाता है। ये मांस किस जानवर का होता है अधिकांश खरीदारों को इसकी जानकारी नहीं होती। जिन्हें पता भी चले और वो शिकायत भी करे तो जिम्मेदारों द्वारा बजाय व्यापारी के उपर कार्रवाई करने के उल्टा व्यापारी को शिकायतकर्ता का नाम बता दिया जाता है। मांस के साथ ही खुले और रिहायशी क्षेत्रों में मछली व बिरयानी, कवाब भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं जिनके आसपास गन्दगी के साथ आवारा कुत्तों का जमघट लगा रहता है जो यहां से गुजरने वालों के लिए परे शानी का सबब बने हैं। करीब 2011-12 में नपा ने शहर के बाहर स्लाटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और ये बात मांस व्यापारियों के समक्ष रखी गई थी किंतु मांस व्यवसाई शहर के बाहर जाने को तैयार नहीं हुए। उस समय नपा ने सख्ती दिखाते हुए स्लाटर हाउस बाहर बनवाया होता तथा शहर के मध्य व खुले क्षेत्रों में मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगाया होता तो ये नौबत नहीं आती। लेकिन इसके बाद किसी भी परिषद अथवा जिला प्रशासन ने स्लाटर हाउस बनवाने कदम नहीं बढ़ाया।अब जब प्रदेश के मुखिया मांस खुले में बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिए हैं उस आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जाकर मुख्यमंत्री के आदेश का मखौल उड़ाया जा रहा है। या फिर खुले में मांस बेचने वालों को नपा व जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की मौन स्वीकृति प्राप्त है!

जान से खेल रहे झोलाछाप – स्वास्थ अमला खामोश, बढ़ती जा रही कतार – बिना डिग्री, अनुभव के खुलेआम कर रहे इलाज

  • झाबुआ। जिला मुख्यालय सहित प्रत्येक कस्बे, गांव तक में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। स्वास्थ प्रशासन की लापरवाही के चलते ये चिकित्सक नियमों को परे रख लोगों की जान से बेखौफ खिलवाड करने से नहीं चूक रहे। इन झोलाछापों में से अधिकांश के पास न तो इस कार्य का कोई अनुभव है न ही किसी प्रकार की डिग्री! स्वास्थ प्रशासन बजाय इन पर कार्रवाई करने के इनको प्रश्रय प्रदान कर रहा है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इन झोलाछापों का संगठन बना हुआ है और प्रतिमाह इनके द्वारा इन पर कार्रवाई करने के जिम्मेदारों को तगड़ी रकम दी जाती है। जिला प्रशासन और स्वास्थ अमले ने इन पर कार्रवाई करने के लिए जिला, ब्लॉक व तहसील स्तर पर समिति गठित कर रखी है, लेकिन समिति द्वारा इनके विरुद्ध कार्रवाई करने के एवज में महज औपचारिकता मात्र निभाई जा रही है। साल भर में नाममात्र झोलाछापों पर कार्रवाई कर अपने दायित्व का निर्वहन कर लिया जाता है। स्वास्थ प्रशासन की इस अनदेखी के चलते घुमटी नुमा दुकानों से लगाकर आलीशान बिल्डिंगों में इन जानलेवा डॉक्टरों की दुकानदारियाँ धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। जो एलोपैथी पद्धति से मरीजों का खुलेआम उपचार कर रहे हैं। कुछेक के पास तो मरीजों को बोतल चढ़ाने के लिए पलंग तक नहीं हैं, जो बैंचो अथवा जमीन पर लेटाकर ही मरीजों का उपचार कर उनकी जान जोखिम में डालने से नहीं चूक रहे। अनुभव के अभाव के चलते ऐसे डॉक्टर इनके पास आए मरीजों को हाई डोज की दवाईयां व इंजक्शन लगा देते हैं जिसके चलते अब तक कई मरीज ठीक होने की अपेक्षा अपनी जान गवां चुके हैं। मरीज बच भी जाए तो इन डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दी गई हाई डोज दवा के कारण मरीजों पर अन्य दवा कारगर नहीं हो पाती। इनके इलाज में बोतल चढ़ाना अनिवार्य होती है, जिसका ये डॉक्टर तीन सौ से पांच सौ रुपया मरीज या उसके परिजनों से वसूल लेते हैं। दिन भर में एकाध मरीज तो इनके फर्जी उपचार के झांसे में आ जाते हैं जिससे इनके दारू, खाने का खर्च आसानी से निकल जाता है, स्थानीय लोगों के साथ ही यह धन्धा बंगाल, यूपी सहित अन्य प्रदेशों से आए लोग बेधड़क कर रहे हैं। बिना डिग्री के जान लेने की दुकाने खोले इन झोलाछापों को मरीजों की बीमारी के बारे में कोई जानकारी पता नहीं चल पाती बावजूद इसके उनका उपचार कर देते हैं। बीमारी से हटकर व हाई डोज दवा खाने से कई मरीज असमय ही मौत का शिकार हो जाते हैं, जिनके परिवार वालो को अच्छी खासी रकम देकर ये कार्रवाई से बचने और जेल जाने से बच जाते हैं। किसी मरीज के परिजन रिपोर्ट कर भी दे तो ये अवैध कमाई के बलबूते साफ बच निकलते हैं और दो चार दिन अपनी मौत की दुकान बंद किए रहने के बाद मामला ठण्डा होने के बाद पुन: दुकान खोल लेते हैं। स्वास्थ प्रशासन भी इन डॉक्टरों द्वारा किसी की जान ले लेने पर एकाध चिकित्सों पर कार्रवाई कर अपने दायित्व का निर्वहन कर लेता है, नतीजा स्वास्थ प्रशासन और झोलाछापों पर कार्रवाई करने वालो की इस औपचारिकता के चलते झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की इन पर रोक लगाने के जिम्मेदारों के मुह पर तमाचा मार रही है।

मेघनगर इंडस्ट्रियल एरिया कृष्णा कंपनी का अमोनिया से भरा हुआ टैंकर पलटी खा गया आज मेघनगर वाले मरते मरते बच गए

मेघनगर , कंपनी की लापरवाही मेघनगर स्थित कृष्णा फास्केम कंपनी में लिक्विड अमोनिया से भरा 20 टन का टैंकर पार्किंग न होने की वजह से कंपनी के बाहर खड़ा था और खाई में पलटी हो गया गनीमत ये रही के टैंकर से लिक्विड अमोनिया लीकेज नही हुआ नही तो पास ही नगर पंचायत के द्वारा फेंके गए कचरे में आग लगी हुई थी बड़ा हादसा हो जाता शायद लोग भोपाल के बाद मेघनगर को गैस काण्ड के लिए याद करते

मुख्यमंत्री के आदेश की कोई कदर नहीं – नगरपालिका की सहमति से खुले स्थानों के साथ रिहायशी क्षेत्रों में बेच रहे बेखौफ मांस


मुख्यमंत्री के आदेश की कोई कदर नहीं
– नगरपालिका की सहमति से खुले स्थानों के साथ रिहायशी क्षेत्रों में बेच रहे बेखौफ मांस

रिपोर्टर उमाकांत शर्मा

नगरपालिका व जिम्मेदार विभागों की मौन स्वीकृति
झाबुआ। प्रदेश के मुख्यमन्त्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश भर में खुले क्षेत्र में बिक रहे मांस पर प्रतिबन्ध लगाने के आदेश पारित किए हैं लेकिन झाबुआ शहर में मुख्यमन्त्री के आदेश की कोई कदर नहीं की जा रही। शहर के खुले क्षेत्र के साथ ही शहर के रिहायशी क्षेत्रों में भी खुलेआम चिकन मटन बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं शहर में दर्जनों जगह बिरयानी, कवाब सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। जो की नगर पालिका के स्वामित्व की दुकानों में धड़ल्ले से चिकन मटन का व्यवसाय किया जा रहा है जबकि नगर पालिका द्वारा आवटंन के समय नगर पालिका और दुकानदार के बीच एक एग्रीमेंट होता है जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ होता है कि नगर पालिका द्वारा प्रदत दुकानों में मटन चिकन एवं मादक पदार्थ का व्यवसाय नहीं किया जा सकता है क्या कारण है कि नगर पालिका अधिकारी अपने स्वामित्व की दुकानों की लीज समाप्त कर अपने अधिपत्य में ले सकती है बावजूद उसके मटन विक्रेता नियमों को परे रखकर चिकन मटन का व्यवसाय कर रहे हैं। नियमानुसार मटन बेचने वालों द्वारा किसी भी जानवर को काटने के पूर्व उसका स्वास्थ परीक्षण निर्धारित डॉक्टर से करवाया जाना अनिवार्य होता है लेकिन शहर में पिछले कई वर्षों से मांस बेचने वाले इस नियम का पालन नहीं कर रहे। शहर में स्लाटर हाउस के अभाव में नपा कार्यालय के समीप मांस व्यापारियों को मांस बेचने के लिए शेड बनवाया गया है किंतु ये व्यापारी शेड के सामने और नपा कार्यालय के बगल में बैठ रहे हैं, इतना ही नहीं निर्धारित स्थल के बजाय शहर के कुम्हारवाड़ा, रोहिदास मार्ग पर बिना अनुमति के स्लाटर हाउस संचालित किए जा रहे हैं, जहां बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी के साथ ही पाड़े का मांस बेखौफ बेचा जा रहा है।शहर में जहां पाड़े काटे जा रहे हैं वहीं स्मीपस्थ राज्य गुजरात के गोधरा, दाहोद से भी पाड़े, आदि का मांस बड़ी मात्रा में बिक्री के लिए इन व्यापारियों द्वारा मंगवाया जाता है। ये मांस किस जानवर का होता है अधिकांश खरीदारों को इसकी जानकारी नहीं होती। जिन्हें पता भी चले और वो शिकायत भी करे तो जिम्मेदारों द्वारा बजाय व्यापारी के उपर कार्रवाई करने के उल्टा व्यापारी को शिकायतकर्ता का नाम बता दिया जाता है। मांस के साथ ही खुले और रिहायशी क्षेत्रों में मछली व बिरयानी, कवाब भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं जिनके आसपास गन्दगी के साथ आवारा कुत्तों का जमघट लगा रहता है जो यहां से गुजरने वालों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। करीब 2011-12 में नपा ने शहर के बाहर स्लाटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और ये बात मांस व्यापारियों के समक्ष रखी गई थी किंतु मांस व्यवसाई शहर के बाहर जाने को तैयार नहीं हुए। उस समय नपा ने सख्ती दिखाते हुए स्लाटर हाउस बाहर बनवाया होता तथा शहर के मध्य व खुले क्षेत्रों में मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगाया होता तो ये नौबत नहीं आती। लेकिन इसके बाद किसी भी परिषद अथवा जिला प्रशासन ने स्लाटर हाउस बनवाने कदम नहीं बढ़ाया।अब जब प्रदेश के मुखिया ने मांस खुले में बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिए हैं उस आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जाकर मुख्यमंत्री के आदेश का मखौल उड़ाया जा रहा है। या फिर खुले में मांस बेचने वालों को नपा व जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की मौन स्वीकृति प्राप्त है!

कैलाश विजयवर्गीय ने दिया इस्तीफा

 

श्री कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रिय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है . क्योंकि विधानसभा चुनाव में भारी  मतों से विजय हुए वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार केबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है

मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने शिल्पग्राम, ताज नेचर वॉक, ताजखेमा, टिकट काउंटर्स व पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं का किया निरीक्षण

आगरा:आज मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने शिल्पग्राम, ताज नेचर वॉक, ताजखेमा, टिकट काउंटर्स, पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं तथा विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया तथा संबंधित को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी सर्व प्रथम ताज नेचर वॉक पहुंची जहां टिकट काउंटर पर पर्यटकों हेतु सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली तथा वेडिंग मशीन लगाने, ऑनलाइन टिकट सिस्टम विकसित करने व कैंटीन अपग्रेड करने, टूरिस्ट के बैठने की उचित व्यवस्था करने, तथा शौचालय की साफ सफाई के निर्देश दिए, ताज नेचर वॉक पार्क प्रभारी ने पार्क में एक टॉयलेट आवश्यकता बताई तथा टॉयलेट स्थापना कराने हेतु अनुरोध करने पर, मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने  नगरायुक को एक उच्च सुविधा युक्त शौचालय स्थापित कराने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त  द्वारा ताज नेचर वॉक पार्क के प्रवेश द्वार का रिनोवेशन करने, तथा पार्क में उपलब्ध सुविधाओं यथा फोटोग्राफी प्वाइंट, ताज व्यू सेल्फी प्वाइंट इत्यादि की जानकारी तथा पार्क के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाने हेतु निर्देशित किया। तदोपरांत मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने  ताज खेमा तथा सामाजिक वानिकी प्रभाग के ताज वन ब्लॉक का निरीक्षण किया, ताज वन ब्लॉक को आम जनमानस के लिए खोलने, आगरा में पर्यटन की संभावना बढ़ाने तथा कार्यक्रम आयोजन हेतु एनजीटी की गाइड लाइन का अध्ययन कर ताज वन ब्लॉक में पर्यटन में वृद्धि हेतु उपाय सुझाने के निर्देश डीएफओ को दिए। मंडलायुक्त द्वारा यूपी टूरिज्म डिपार्टमेंट के ताज खेमा के निरीक्षण में प्रभारी ने बताया गया कि रिनोवेशन हेतु प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है,

आगरा छावनी स्टेशन पर किला बंदी कर चलाया चेकिंग अभियान

बिना टिकट यात्रियों की रोकथाम हेतु दिनांक 09/08/2023 को आगरा छावनी स्टेशन पर किला बंदी कर बिना टिकट यात्रा ,अनियमित यात्रा ,बिना बुक लगेज, गंदगी फ़ैलाने, अनाधिकृत वैंडरो के विरूद्ध जाँच के परिणाम स्वरूप 233 बिना टिकट यात्रियों से रु-139970/-,अनाधीकृत यात्रा करने बाले 145 यात्रियों से रु- 66740/-, एक यात्री से 50/-तथा गंदगी फैलाने वाले 07 यात्रियों से 700/- सहित कुल 386यात्रियों से 2,06390/- रुपए का जुर्माना किया गया।

जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की जांच मंडल में निरंतर कराई जा रही हैं। अतः यात्रियों से अनुरोध है कि वह उचित यात्रा टिकट लेकर ही यात्रा करे तथा रेल परिसर में गंदगी न फैलाए

आगरा छावनी स्टेशन पर किला बंदी कर चलाया गया मेगा टिकट चेकिंग अभियान

बिना टिकट यात्रियों की रोकथाम हेतु दिनांक- 09/08/2023 को आगरा छावनी स्टेशन पर किला बंदी कर बिना टिकट यात्रा ,अनियमित यात्रा ,बिना बुक लगेज, गंदगी फ़ैलाने, अनाधिकृत वैंडरो के विरूद्ध की गई जाँच के परिणामस्वरूप 405 बिना टिकट यात्रियों से रु-262320/-,अनाधिकृत यात्रा करने वाले 336 यात्रियों से रु.- 168810/-, एक यात्री से बिना बुक लगेज 50/-तथा गंदगी फैलाने वाले 08 यात्रियों से 800/- तथा 08 अनाधिकृत वेंडर्स से रु.-16000/-सहित कुल 758 यात्रियों से 4,47,980/- रुपए का जुर्माना किया गया। जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की जांच मंडल में निरंतर कराई जा रही हैं। अतः यात्रियों से अनुरोध है कि वह उचित यात्रा टिकट लेकर ही यात्रा करे तथा रेल परिसर में गंदगी न फैलाए