मोदी की अपील- 22 जनवरी को अयोध्या न आएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 30 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण बहुत भाग्य से हमारे जीवन में आया है। मैं भारत के 140 करोड़ देशवासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं… जब 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम विराजमान हों, तब राम ज्योति जलाएं। दीपावली मनाएं।

उन्होंने आगे कहा कि 22 जनवरी को सभी का अयोध्या आना संभव नहीं है। यहां का पूरा कार्यक्रम हो जाने के बाद एक बार परिवार के साथ अयोध्या जरूर आएं। प्रभु राम को तकलीफ हो, ऐसा हम भक्त कभी नहीं सह पाएंगे। हमने 550 साल इंतजार किया है, कुछ दिन और करें।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी, दलित धनीराम मांझी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने चाय पी। बच्चों ने PM के साथ सेल्फी भी ली। मोदी ने अयोध्या में 8 किलोमीटर लंबा रोड शो भी किया। इसके अलावा उन्होंने रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। रेलवे स्टेशन का नाम अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या धाम रखा गया है।

PM ने अयोध्या और अन्य स्टेशनों से चलने वाली 2 अमृत भारत और 6 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। 15 हजार 700 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास भी किया।

जान से खेल रहे झोलाछाप – स्वास्थ अमला खामोश, बढ़ती जा रही कतार – बिना डिग्री, अनुभव के खुलेआम कर रहे इलाज

  • झाबुआ। जिला मुख्यालय सहित प्रत्येक कस्बे, गांव तक में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। स्वास्थ प्रशासन की लापरवाही के चलते ये चिकित्सक नियमों को परे रख लोगों की जान से बेखौफ खिलवाड करने से नहीं चूक रहे। इन झोलाछापों में से अधिकांश के पास न तो इस कार्य का कोई अनुभव है न ही किसी प्रकार की डिग्री! स्वास्थ प्रशासन बजाय इन पर कार्रवाई करने के इनको प्रश्रय प्रदान कर रहा है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इन झोलाछापों का संगठन बना हुआ है और प्रतिमाह इनके द्वारा इन पर कार्रवाई करने के जिम्मेदारों को तगड़ी रकम दी जाती है। जिला प्रशासन और स्वास्थ अमले ने इन पर कार्रवाई करने के लिए जिला, ब्लॉक व तहसील स्तर पर समिति गठित कर रखी है, लेकिन समिति द्वारा इनके विरुद्ध कार्रवाई करने के एवज में महज औपचारिकता मात्र निभाई जा रही है। साल भर में नाममात्र झोलाछापों पर कार्रवाई कर अपने दायित्व का निर्वहन कर लिया जाता है। स्वास्थ प्रशासन की इस अनदेखी के चलते घुमटी नुमा दुकानों से लगाकर आलीशान बिल्डिंगों में इन जानलेवा डॉक्टरों की दुकानदारियाँ धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। जो एलोपैथी पद्धति से मरीजों का खुलेआम उपचार कर रहे हैं। कुछेक के पास तो मरीजों को बोतल चढ़ाने के लिए पलंग तक नहीं हैं, जो बैंचो अथवा जमीन पर लेटाकर ही मरीजों का उपचार कर उनकी जान जोखिम में डालने से नहीं चूक रहे। अनुभव के अभाव के चलते ऐसे डॉक्टर इनके पास आए मरीजों को हाई डोज की दवाईयां व इंजक्शन लगा देते हैं जिसके चलते अब तक कई मरीज ठीक होने की अपेक्षा अपनी जान गवां चुके हैं। मरीज बच भी जाए तो इन डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दी गई हाई डोज दवा के कारण मरीजों पर अन्य दवा कारगर नहीं हो पाती। इनके इलाज में बोतल चढ़ाना अनिवार्य होती है, जिसका ये डॉक्टर तीन सौ से पांच सौ रुपया मरीज या उसके परिजनों से वसूल लेते हैं। दिन भर में एकाध मरीज तो इनके फर्जी उपचार के झांसे में आ जाते हैं जिससे इनके दारू, खाने का खर्च आसानी से निकल जाता है, स्थानीय लोगों के साथ ही यह धन्धा बंगाल, यूपी सहित अन्य प्रदेशों से आए लोग बेधड़क कर रहे हैं। बिना डिग्री के जान लेने की दुकाने खोले इन झोलाछापों को मरीजों की बीमारी के बारे में कोई जानकारी पता नहीं चल पाती बावजूद इसके उनका उपचार कर देते हैं। बीमारी से हटकर व हाई डोज दवा खाने से कई मरीज असमय ही मौत का शिकार हो जाते हैं, जिनके परिवार वालो को अच्छी खासी रकम देकर ये कार्रवाई से बचने और जेल जाने से बच जाते हैं। किसी मरीज के परिजन रिपोर्ट कर भी दे तो ये अवैध कमाई के बलबूते साफ बच निकलते हैं और दो चार दिन अपनी मौत की दुकान बंद किए रहने के बाद मामला ठण्डा होने के बाद पुन: दुकान खोल लेते हैं। स्वास्थ प्रशासन भी इन डॉक्टरों द्वारा किसी की जान ले लेने पर एकाध चिकित्सों पर कार्रवाई कर अपने दायित्व का निर्वहन कर लेता है, नतीजा स्वास्थ प्रशासन और झोलाछापों पर कार्रवाई करने वालो की इस औपचारिकता के चलते झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की इन पर रोक लगाने के जिम्मेदारों के मुह पर तमाचा मार रही है।

बेखौफ सट्टा चला रहे खाईवाल – जिम्मेदार नहीं कर रहे कोई कार्रवाई, बढ़ता जा रहा हौसला – सट्टा खाने रख रखे हैं कर्मचारी

झाबुआ। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में खाईवाल बेखौफ सट्टा चला रहे हैं। जिन पर जिम्मेदारों द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जिसके चलते इनका हौसला बढ़ता जा रहा है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इन खाईवालों का अवैध धन्धा इतना फल फूल रहा है कि इन्हें अपने यहां कर्मचारियों की नियुक्ति करना पड़ी।
शहर के बस स्टैंड में खुलेआम रानी पंकज मुथा नामक महिला बेधड़क सट्टे का अवैध कारोबार संचालित कर रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसकी एक शाखा शहर के मेघनगर नाका में भी संचालित हो रही है जहां दिनभर सट्टा लगाने वालों की भीड़ जुटि रहती है। यहां फोन पर भी सट्टा खाया जाता है, जिसके लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। इसमें राकेश डामोर भी शामिल है। बस स्टैंड पर दिखाने के लिए तो रानी पंकज मुथा ने खिलौनों की दुकान खोल रखी है, किंतु इसमें खुलेआम सट्टा खाया जा रहा है। इसके अलावा मेघनगर नाके पर प्रेम डामोर जो नगर पालिका में कार्यरत हैं की पत्नी चम्पा डामोर अपने घर पर सट्टा खा रही है। इस क्षेत्र के अलावा सट्टा खाईवाल शहर के लक्ष्मी बाई मार्ग, राजवाड़ा के समीप पानी की टंकी के पास भी बेखौफ सट्टा चला रहे हैं। इसके अलावा शहर के मध्य स्थित अयोध्या बस्ती में सट्टे के अलावा चकरी, जुआ भी बेखौफ संचालित किया जा रहा है, इसके अलावा यहां नशे का यानी इंजक्शन लगाने वालों की भी भरमार है। कुछ साल पूर्व यहां एक छात्र की हत्या हुई थी जो नशेड़ी व सटोरियों ने ही की थी। पुलिस अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यदाकदा इन पर कार्रवाई करती तो है लेकिन कुछ समय बाद पुन: इनका अवैध कारोबार शुरू हो जाता है, कार्रवाई के दौरान इनमें से अधिकांश खाईवालो को कार्रवाई की पूर्व सूचना मिल जाती है, जिससे ये मौके से नदारद हो जाते हैं। पंकज मुथा आज से नहीं अपितु पिछले कई वर्षों से अवैध सट्टे का कारोबार संचालित कर जिम्मेदारों को खुलेआम ठेंगा दिखा रहा है।

मेघनगर इंडस्ट्रियल एरिया कृष्णा कंपनी का अमोनिया से भरा हुआ टैंकर पलटी खा गया आज मेघनगर वाले मरते मरते बच गए

मेघनगर , कंपनी की लापरवाही मेघनगर स्थित कृष्णा फास्केम कंपनी में लिक्विड अमोनिया से भरा 20 टन का टैंकर पार्किंग न होने की वजह से कंपनी के बाहर खड़ा था और खाई में पलटी हो गया गनीमत ये रही के टैंकर से लिक्विड अमोनिया लीकेज नही हुआ नही तो पास ही नगर पंचायत के द्वारा फेंके गए कचरे में आग लगी हुई थी बड़ा हादसा हो जाता शायद लोग भोपाल के बाद मेघनगर को गैस काण्ड के लिए याद करते

मुख्यमंत्री के आदेश की कोई कदर नहीं – नगरपालिका की सहमति से खुले स्थानों के साथ रिहायशी क्षेत्रों में बेच रहे बेखौफ मांस


मुख्यमंत्री के आदेश की कोई कदर नहीं
– नगरपालिका की सहमति से खुले स्थानों के साथ रिहायशी क्षेत्रों में बेच रहे बेखौफ मांस

रिपोर्टर उमाकांत शर्मा

नगरपालिका व जिम्मेदार विभागों की मौन स्वीकृति
झाबुआ। प्रदेश के मुख्यमन्त्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश भर में खुले क्षेत्र में बिक रहे मांस पर प्रतिबन्ध लगाने के आदेश पारित किए हैं लेकिन झाबुआ शहर में मुख्यमन्त्री के आदेश की कोई कदर नहीं की जा रही। शहर के खुले क्षेत्र के साथ ही शहर के रिहायशी क्षेत्रों में भी खुलेआम चिकन मटन बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं शहर में दर्जनों जगह बिरयानी, कवाब सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। जो की नगर पालिका के स्वामित्व की दुकानों में धड़ल्ले से चिकन मटन का व्यवसाय किया जा रहा है जबकि नगर पालिका द्वारा आवटंन के समय नगर पालिका और दुकानदार के बीच एक एग्रीमेंट होता है जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ होता है कि नगर पालिका द्वारा प्रदत दुकानों में मटन चिकन एवं मादक पदार्थ का व्यवसाय नहीं किया जा सकता है क्या कारण है कि नगर पालिका अधिकारी अपने स्वामित्व की दुकानों की लीज समाप्त कर अपने अधिपत्य में ले सकती है बावजूद उसके मटन विक्रेता नियमों को परे रखकर चिकन मटन का व्यवसाय कर रहे हैं। नियमानुसार मटन बेचने वालों द्वारा किसी भी जानवर को काटने के पूर्व उसका स्वास्थ परीक्षण निर्धारित डॉक्टर से करवाया जाना अनिवार्य होता है लेकिन शहर में पिछले कई वर्षों से मांस बेचने वाले इस नियम का पालन नहीं कर रहे। शहर में स्लाटर हाउस के अभाव में नपा कार्यालय के समीप मांस व्यापारियों को मांस बेचने के लिए शेड बनवाया गया है किंतु ये व्यापारी शेड के सामने और नपा कार्यालय के बगल में बैठ रहे हैं, इतना ही नहीं निर्धारित स्थल के बजाय शहर के कुम्हारवाड़ा, रोहिदास मार्ग पर बिना अनुमति के स्लाटर हाउस संचालित किए जा रहे हैं, जहां बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी के साथ ही पाड़े का मांस बेखौफ बेचा जा रहा है।शहर में जहां पाड़े काटे जा रहे हैं वहीं स्मीपस्थ राज्य गुजरात के गोधरा, दाहोद से भी पाड़े, आदि का मांस बड़ी मात्रा में बिक्री के लिए इन व्यापारियों द्वारा मंगवाया जाता है। ये मांस किस जानवर का होता है अधिकांश खरीदारों को इसकी जानकारी नहीं होती। जिन्हें पता भी चले और वो शिकायत भी करे तो जिम्मेदारों द्वारा बजाय व्यापारी के उपर कार्रवाई करने के उल्टा व्यापारी को शिकायतकर्ता का नाम बता दिया जाता है। मांस के साथ ही खुले और रिहायशी क्षेत्रों में मछली व बिरयानी, कवाब भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं जिनके आसपास गन्दगी के साथ आवारा कुत्तों का जमघट लगा रहता है जो यहां से गुजरने वालों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। करीब 2011-12 में नपा ने शहर के बाहर स्लाटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और ये बात मांस व्यापारियों के समक्ष रखी गई थी किंतु मांस व्यवसाई शहर के बाहर जाने को तैयार नहीं हुए। उस समय नपा ने सख्ती दिखाते हुए स्लाटर हाउस बाहर बनवाया होता तथा शहर के मध्य व खुले क्षेत्रों में मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगाया होता तो ये नौबत नहीं आती। लेकिन इसके बाद किसी भी परिषद अथवा जिला प्रशासन ने स्लाटर हाउस बनवाने कदम नहीं बढ़ाया।अब जब प्रदेश के मुखिया ने मांस खुले में बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिए हैं उस आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जाकर मुख्यमंत्री के आदेश का मखौल उड़ाया जा रहा है। या फिर खुले में मांस बेचने वालों को नपा व जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की मौन स्वीकृति प्राप्त है!

कैलाश विजयवर्गीय ने दिया इस्तीफा

 

श्री कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रिय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है . क्योंकि विधानसभा चुनाव में भारी  मतों से विजय हुए वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार केबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है

शिवराज ने खाली किया CM हाउस, कर्मचारी भावुक

नए बंगले पर पत्नी ने उतारी आरती, यहीं सुनेंगे समस्याएं; बोले, ‘मैं परमानेंट मामा-भैया’

18 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को CM हाउस खाली कर दिया। वे लिंक रोड पर 74 बंगला स्थित B-8 में शिफ्ट हो गए हैं। यहां पत्नी साधना सिंह ने तिलक और आरती उतारकर उनका स्वागत किया।

शिवराज ने CM हाउस खाली करने से पहले यहां स्थित मंदिर में पूजा की। गोशाला में गोमाता के दर्शन किए। मुख्यमंत्री आवास में तैनात कर्मचारी पूर्व CM को विदा करते समय भावुक हो गए।

चौहान परिवार एक कार में रवाना हुआ, जिसे बड़े बेटे कार्तिकेय ड्राइव करते हुए ले गए। CM हाउस खाली करते हुए शिवराज ने कहा, ‘कई स्मृतियां लेकर जा रहा हूं। मोहन यादव और उनकी टीम को बधाई। मध्यप्रदेश की जनता मेरा परिवार है। मामा और भैया परमानेंट है। जनता की सेवा करता रहूंगा।’

पूर्व CM की पत्नी साधना सिंह चौहान ने कहा, ‘कई यादें इस बंगले से जुड़ी हुई हैं। हम खुशी से जा रहे हैं।’ शिवराज सिंह चौहान नए बंगले पर हर दिन सुबह 11 से दोपहर 12.30 बजे तक जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनेंगे।

भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल की भारत न्याय यात्रा

14 जनवरी से 20 मार्च तक चलेगी, मणिपुर से मुंबई तक 14 राज्य 6200 KM का सफर

2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे। यह 14 जनवरी से मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।

इस दौरान यात्रा 14 राज्य और 85 जिलों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6 हजार 200 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करेंगे।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने बुधवार को पार्टी हेडक्वार्टर में मीडिया को बताया कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस पार्टी भारत न्याय यात्रा करेगी।

यह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में समाप्त होगी।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। भारत न्याय यात्रा का मकसद आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय है।

इस यात्रा में राहुल युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर पड़े लोगों से मुलाकात करेंगे। बस यात्रा से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाएगा। यात्रा में कुछ छोटे हिस्से को रुक-रुक कर पैदल भी कवर किया जाएगा।

इसके अलावा 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी नागपुर में महारैली करेगी। इसका नाम है- हैं तैयार हम। इस महारैली से 2024 लोकसभा चुनाव का शंखनाद होगा।