आचार्य विद्यासागर जी को समर्पित

  1. https://youtu.be/gqVq4-E1cnQ?si=CkMdd9qwcJ9418kS

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*जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, PM मोदी ने जताया शोक*

दिगंबर जैन मुनि परंपरा के आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार (17 फरवरी) को देर रात अपना देह त्याग दिया है. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी जैन तीर्थ में उनका संथारापूर्वक देवलोक गमन हुआ. तीन दिन पहले उन्होंने उपवास रखकर मौन धारण किया था. वहीं रविवार (18 फरवरी) दोपहर एक बजे उनके अंतिम संस्कार की रस्म निभाई गईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे.’

‘यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.’

राम मन्दिर पे मौलाना का ज्ञान सुन रह जाओगे दंग

राम मन्दिर पे मौलाना का ज्ञान सुन रह जाओगे दंग

https://youtu.be/W99H7P3iDB8

झाबुआ स्थानीय रामशरणं मैं आतिशबाजी एवं रंगोली प्रतियोगिता का कार्यक्रम रखा गया

 

रिपोर्टर उमाकांत शर्मा

झाबुआ स्थानीय रामशरणं मैं राम भक्तों द्वारा 22 जनवरी 2024 को शाम में रंगोली की प्रतियोगिता का कार्यक्रम रखा गया मनमोहन रंगोलिया बनाई गई एवं पूरे हर्षो उल्लास से दीपावली जैसा ही आतिशबाजी का कार्यक्रम रखा कार्यक्रम के दौरान राम शरणम के पदाधिकारी एवं भारी मात्रा में राम भक्त सम्मिलित हुए

श्री राम मंदिर सेवा समिति एवं सकल हिंदु समाज द्वारा झाबुआ के विशिष्ट पद्मश्री श्री महेश जी शर्मा को आमंत्रण पत्र दिया

उमाकांत शर्मा रिपोर्टर

श्रीराम सेवा समिति एवं सकल हिन्दू समाज झाबुआ द्वारा दो दिवसीय विशिष्ट उत्सव (21 व 22 जनवरी) जो श्रीराम मंदिर झाबुआ पर आयोजित होगा के लिए आज –

पद्मश्री महेशजी शर्मा (शिवगंगा)सुश्री तन्वी हुड्डाजी (कलेक्टर झाबुआ)विश्वकर्माजी (एस.डी.एम. झाबुआ)को आमंत्रण दिया गया । आप सभी महानुभावो ने इस पुनीत कार्य को करने के लिए खुशी व्यक्त करते हुए इसमें शामिल होने की बात कही ।

गणित का गुणा भाग तथ्यों के अनुरूप

आजकल धड़ल्ले से श्रीराम जी के समय के राम सेतु, अयोध्या आदि बारे में यह बात कही जाने लगी है कि साढ़े पांच हजार साल पुराना है।

आपको नहीं लगता कि वामपंथियों ने इस बात पर भी आप लोगों को लपेट कर श्रीराम जी के कालखण्ड को 5 हजार साल तक सीमित कर भगवान श्रीकृष्ण जी के कालखंड को विवादित बनाने की तैयारियां कर ली है।

आप सोच रहे होंगे कैसे ..?

भाई राम जी को हुए कोई हजार पांच हजार साल नहीं हुए है।

श्रीरामजी का निकटतम समय भी माना जाए तो लाखों वर्षों का है।

जबकि आप और हम भगवान श्रीराम को आसानी से कैसे 5000 साल पुराना स्वीकार लेते है ?

राम को यदि इसी (28 वीं) चतुर्युगी के त्रेता का मान ले तो भी बीच मे 8 लाख 64 हजार वर्ष का द्वापर युग गुजर चुका है।

 

उल्लेखनीय है कि अभी…..

“श्वेतवराहकल्प की 28 वीं चतुर्युगी चल रही है।”

और उसके बाद कलयुग की उम्र 5 हजार वर्ष हो चुकी है।

 

वैसे कहीं कहीं श्रीराम जी को चौबीसवीं चतुर्युगी का त्रेता में होना उल्लेखित है।

अगर यह सत्य माना जाए तो

इस हिसाब से तो श्रीराम जी को अवतार लिए करोड़ो वर्ष बीत चुके है।

फिर भी वे आज हमारे हृदयों में साक्षात विराजमान है।

आपको एक चतुर्युगी के सम्पूर्ण कालखंड का एक मोटामोटी हिसाब दे रहा हूँ।

 

सतयुग – 17,28000 वर्ष।

त्रेता युग – 12,96000

द्वापर युग – 8,64000

कलयुग – 4,32000 वर्ष।

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कुल योग:- 43,20000 वर्ष।

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अब आप ही हिसाब लगा लीजिए कि यदि भगवान राम यदि चौबीसवीं चतुर्युगी के है तो इस हिसाब से चौबीसवीं चतुर्युगी के त्रेता के बाद (द्वापर+ कलयुग) के 1296000 वर्ष।

फिर 25वीं, 26वीं,27वीं चतुर्युगी के प्रत्येक के 43,20,000 वर्ष मतलब (43,20,000×3) और उसके बाद 28 वीं चतुर्युगी के (सतयुग”+त्रेतायुग+द्वापरयुग) 38 लाख 88 हजार वर्ष और उसके बाद आज तक के कलयुग के बीते 5 हजार वर्ष।

इन सब का योग कर लीजिए।

मतलब यह हुआ कि यदि श्रीराम जी यदि चौबीसवीं चतुर्युगी के त्रेता में जन्मे थे तो उन्हें होने को

12,96,000 +(43,20000×3) +38,88000 +5000 वर्ष बीत चुके है।

अब आप ही अंदाज लगा लीजिए कि जो श्रीराम करोड़ो वर्षों से हम सनातनियों के दिलों में है उनको ये हजार दो हजार साल वाली संस्कृतियां मिटाने की कोशिश कर रही है।

राम को मिटाने वालों के नामोनिशान नही बचे वैसे ही ये भी मिटा दिए जाएंगे।

आप तो वामपंथियों के 5000 साल के हथकंडों से सावधान रहकर।

प्रभु श्री राम को कम से कम 8,85,000 वर्ष का तो कहिए कहिए

मोदी की अपील- 22 जनवरी को अयोध्या न आएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 30 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण बहुत भाग्य से हमारे जीवन में आया है। मैं भारत के 140 करोड़ देशवासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं… जब 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम विराजमान हों, तब राम ज्योति जलाएं। दीपावली मनाएं।

उन्होंने आगे कहा कि 22 जनवरी को सभी का अयोध्या आना संभव नहीं है। यहां का पूरा कार्यक्रम हो जाने के बाद एक बार परिवार के साथ अयोध्या जरूर आएं। प्रभु राम को तकलीफ हो, ऐसा हम भक्त कभी नहीं सह पाएंगे। हमने 550 साल इंतजार किया है, कुछ दिन और करें।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी, दलित धनीराम मांझी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने चाय पी। बच्चों ने PM के साथ सेल्फी भी ली। मोदी ने अयोध्या में 8 किलोमीटर लंबा रोड शो भी किया। इसके अलावा उन्होंने रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। रेलवे स्टेशन का नाम अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या धाम रखा गया है।

PM ने अयोध्या और अन्य स्टेशनों से चलने वाली 2 अमृत भारत और 6 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। 15 हजार 700 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास भी किया।

कौन थीं भगवान राम की बड़ी बहन? रामायण से क्यों रहीं गुमनाम, जानें बेहद दिलचस्प पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में वेद, पुराण,ग्रंथ और अन्य धार्मिक पुस्तकों में हिंदू धर्म की संस्कृति और विरासत का वर्णन किया गया है. इन वेद पुराणों में जीवन जीने की पद्धति समेत धर्म-अधर्म को लेकर उपदेश दिए गए हैं. चारों वेदों समेत रामायण, महाभारत जैसे धर्म ग्रंथों में कई पौराणिक कहानियों का जिक्र किया गया है. रामायण में वर्णित श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी समेत सभी पात्रों से तो सभी भलीभांति परिचित हैं.लेकिन, क्या आप जानते हैं भगवान श्रीराम की एक बहन भी थीं. बहुत कम लोगों को इसके बारे में पता होगा. तो चलिए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से कि भगवान श्रीराम की बहन कौन थीं

काला जादू राजधानी’ कहलाता है आसाम का ये गांव, भूत-प्रेत की मदद से किया जाता है लोगों का इलाज

भारत देश में कई शहर और गांव अपनी रहस्यमयी दुनिया के लिए जाने जाते हैं. देशभर में ऐसी कई जगहें हैं जिनकी कहानियां लोगों को आश्चर्य में डाल देती हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं , जिसे भारत की ‘काला जादू राजधानी’ कहा जाता है. हम असम की राजधानी गुवाहाटी से 40 किलोमीटर दूर स्थित मायोंग गांव की बात कर रहे हैं, जहां के लोगों को इंसान से जानवर बनाने की कला मालूम है.

 

काला जादू का गढ़-
मायोंग भारत के असम के मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसा एक छोटा सा गांव है. मायोंग गांव को ‘भारत की काला जादू राजधानी’ के नाम से जाना जाता है. यह गांव काले जादू के लिए मशहूर है. कहते हैं यहां के लोग अपनी रक्षा के लिए काले जादू का प्रयोग करते हैं.

पुरुषोत्तम मास के दूसरे सोमवार पर हर-हर महादेव से गूंजे शिवालय, डाक कांवड़ियों ने भी किया जलाभिषेक

उत्तर प्रदेश के आगरा में सोमवार को सभी शिवालयों में पूजन के लिए भक्तों की भीड़ तो रही, लेकिन सावन के सोमवार की अपेक्षा शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ कम रही। भोर में सभी शिवालयों के कपाट खुलते ही भक्त पूजन के लिए पहुंचे। बम-बम भोले के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं व डाक कांवड़ियों ने जलाभिषेक कर शिव परिवार की पूजा की। बेल-पत्र धतूरा अर्पित कर नंदी महाराज के कानों में भक्तों ने अपनी मनौती मांगी।

वसुधैव कुटुंबकम निबंध में चित्र के साथ छात्र-छात्राओं ने दिया अपनी भावनाओं को आकार

आगरा/बाह। आगरा में होने वाली जी-20 समिट की जागरुकता के लिए शुक्रवार को एक साथ स्कूल कॉलेजों में वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। बासौनी के रामसहाय वर्मा इंटर कॉलेज में मोनल सक्सेना के नेतृत्व में छात्राओं ने निबंध में चित्र के साथ ‌अपनी भावनाओं को आकार दिया। बाह के भदावर पीजी कॉलेज में प्राचार्य डॉ सुकेश यादव, आशाराम रामनिवास आदर्श इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य विनोद दीक्षित, हरप्रसाद राजाराम आदर्श इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य अनिल गुप्ता, भदरौली के एमआर महाविद्यालय निदेशक बीके शर्मा, जैतपुर के सिद्धांतराज कॉलेज में निदेशक राजबहादुर शर्मा, जरार के आछेलाल रामनरायन आदर्श इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य उमेश सिसोदिया के अलावा परिषदीय विद्यालयों में निबंध और जी-20 समिट को लेकर छात्र-छात्राएं बेहद उत्साहित दिखे।